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APAAR ID हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य ऐसे बनाएं

APAAR ID शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की नई पहचान:भारत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नवीनीकरण और डिजिटलीकरण के जरिए सुधार लाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत अपार आईडी (APAAR ID) की शुरुआत हुई। इसका पूरा नाम Automated Permanent Academic Account Registry है  जिसे हिंदी में स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता पंजीकरण कहा जाता है। सरल भाषा में इसे वन स्टूडेंट वन आईडी (एक छात्र, एक आईडी) के रूप में भी जाना जा रहा है। आज के समय में जब हर क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोगिता बढ़ रहा है,शिक्षा का क्षेत्र भी इससे कत पीछे नहीं रह सकता। अपार आईडी इसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जो हर छात्र को एक डिजिटल यूनिक पहचान देने के लिए बनाया गया है।

APAAR ID क्या है?

अपार आईडी हर छात्र के लिए एक विशिष्ट डिजिटल पहचान पत्र है, जो उसकी पूरी शिक्षा यात्रा को एक जगह सुरक्षित और व्यवस्थित करता है। जब कोई बच्चा पहली कक्षा में एडमिशन लेता है, तो उसी समय से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक की सारी जानकारियां, जैसे उसके अंक, प्रमाणपत्र, पुरस्कार, स्कॉलरशिप, खेल-कूद की उपलब्धियां आदि आईडी आईडी के साथ जुड़ी रहती हैं।

अपार आईडी मुख्य उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी के सभी शैक्षणिक दस्तावेज एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रहें, जिससे कहीं भी और कभी भी उन्हें आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। इससे न सिर्फ छात्रों को फायदा होगा, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और सरकार के लिए भी शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना संभव हो सकेगा।

APAAR ID की आवश्यकता ?

भारत में हर साल लाखों छात्र अलग-अलग स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं। इनके प्रमाणपत्र, अंकसूचियां, खेल और अन्य उपलब्धियों के दस्तावेज अक्सर अलग-अलग जगहों पर रखे जाते हैं। कई बार ऐसे दस्तावेज खोने, या उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल का डर हमेशा बना रहता है।

इसके अलावा, फर्जी प्रमाणपत्र और डिग्री जैसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फर्जीवाड़े की इस समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने सोचा कि क्यों न हर छात्र को एक यूनिक डिजिटल आईडी दी जाए, जिसमें उसकी शिक्षा से जुड़ी हर जानकारी सुरक्षित रखी जा सके। और सरकार द्वारा अपार आईडी के बाद काफी समस्याओं में छुटकारा मिला है।

  • दस्तावेजों के खोने या चोरी होने की चिंता नहीं रहेगी।
  • फर्जी प्रमाणपत्रों पर लगाम लगेगी।
  • छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए जानकारी तक पहुंच आसान होगी।
  • सत्यापन प्रक्रिया तेजी से और पारदर्शिता के साथ होगी।

APAAR ID को लॉन्च करने के पीछे सरकार का उद्देश्य

अपार आईडी के माध्यम से भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण को नई दिशा दी है। इसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं: एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जिसके माध्यम से विद्यार्थियों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे। विद्यार्थियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थान भी उनके दस्तावेजों से संबंधित प्रक्रिया में आसानी से अपनी पहुंच बना सकें। जाली प्रमाणपत्रों और डिग्रियों को रोकने में काफी मददगार साबित होगा। नौकरी स्कॉलरशिप या उच्च शिक्षा में आवेदन करते समय दस्तावेज सत्यापन में किसी भी प्रकार की त्रुटियां या देरी से छुटकारा मिलेगा। फोर्स इसके साथ विद्यार्थियों की पूरी शैक्षणिक यात्रा में प्रगति स्थानांतरण और उपलब्धियां को कहीं पर भी ट्रैक किया जा सकता है।

APAAR ID

APAAR ID बनाने के फायदे

अपार आईडी बनाने से न केवल विद्यार्थियों कोई फायदा होगा बल्कि शैक्षणिक संस्थानों सरकारी संस्थाओं और अन्य एजेंटीयों को भी इससे काफी फायदा होगा आईए आपको स्टेप बाय स्टेप इसके बारे में विस्तृत चर्चा करके बताते हैं:

1.अपार आईडी से विद्यार्थियों के लिए लाभ

  • पूरी शिक्षा यात्रा की जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध।
  • प्रमाणपत्र खोने या चोरी होने का डर खत्म।
  • विदेश या अन्य संस्थानों में दाखिला लेने के लिए डिजिटल दस्तावेजों की उपलब्धता तुरंत पा सके।
  • स्कॉलरशिप, प्रतियोगिताओं या किसी आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज तुरंत जमा कर सकें।

2. अपार आईडी से शैक्षणिक संस्थानों के लिए लाभ

  • किसी भी विद्यार्थी का संपूर्ण रिकॉर्ड एक क्लिक में प्राप्त कर सकते हैं।
  • दस्तावेजों को स्टोर करने या उन्हें सुरक्षित रखने में आसानी।
  • ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया आसान और तेज हो सकेगी।

3. अपार आईडी से सरकार और एजेंसियों के लिए लाभ

  • शिक्षा संबंधी डेटा का विश्लेषण कर बेहतर नीतियां बनाई जा सकेंगी।
  • फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी जैसे मामलों पर बड़ी रोक लगा सके।
  • शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना।
  •  शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को देखने और परखने में आसानी।

APAAR ID कैसे बनाई जाती है ?

अपार आईडी बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है इसके लिए आप किसी भी अपने विद्यालय या कॉलेज के जरिए इसे आसानी से बना सकते हैं और इसको बनाने के आसान तरीका आपको स्टेप बाय स्टेप नीचे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं:-

  • विद्यार्थी का नामांकन: स्कूल में नए छात्र का नामांकन करते समय उसकी जानकारी सिस्टम में अपलोड की जाती है।
  • आधार लिंकिंग: अभिभावक की सहमति से छात्र का आधार कार्ड अपार आईडी से जोड़ा जाता है।
  • डेटा अपलोडिंग: छात्र का नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, पता आदि जानकारी दर्ज की जाती है।
  • जानकारी का सत्यापन: विद्यार्थी द्वारा दी गई समस्त जानकारी को सत्यापित किया जाता है।
  • यूनिक आईडी जनरेशन: सत्यापन के बाद सिस्टम एक 12-अंकीय यूनिक अपार आईडी जनरेट करता है।
  • आईडी वितरण: यह आईडी विद्यार्थी को दी जाती है, जिसका उपयोग वह आगे की पढ़ाई में कर सकता है।

यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म DID (Digital Infrastructure for Knowledge Sharing) के द्वारा संचालित होती हैं। और इसका सारा प्रोसेस ऑनलाइन माध्यम से रहता है।

APAAR ID में अंकित जानकारी

अपर आईडी जेनरेट होने के बाद उसमें विद्यार्थी के नाम के अलावा निम्न अनुसार जानकारी अंकित होती है जिससे विद्यार्थी के बारे में पूरी डिटेल्स निकल जा सके जो निम्न अनुसार है:-

  • नाम, जन्मतिथि, लिंग
  •  आधार संख्या (यदि सहमति दी गई हो)
  •  वर्तमान और पूर्व स्कूल/कॉलेज का नाम
  • परीक्षा के अंक, ग्रेड
  • पुरस्कार, स्कॉलरशिप
  •  खेल-कूद और अन्य सह-पाठ्यक्रमीय उपलब्धियां
  • स्थानांतरण का विवरण
  • प्रमाणपत्र और उनकी डिजिटल प्रतियां

क्या APAAR ID बनवाना जरूरी है?

APAAR ID की अनिवार्यता की बात की जाए तो फिलहाल अपर आईडी बनवाना शिक्षा मंत्रालय के ओर से अनिवार्य नहीं हुआ है लेकिन इसकी सिफारिश की जाती है ताकि विद्यार्थी को भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन कुछ राज्यों में और कुछ विद्यालयों की बात की जाए तो कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी को अनिवार्य भी किया गया है। हो सकता है आने वाले समय में यह सभी व्यापक स्तर पर लागू हो और संपूर्ण भारतवर्ष में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए इसे अनिवार्य कर दिया जा सकता है।

APAAR ID के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न 

अपार आईडी की व्यवस्था को लेकर विद्यार्थियों अभिभावकों और शिक्षकों के मन में कई प्रकार के प्रश्न हो सकते हैं जो निम्न अनुसार है इसकी चर्चा करते हैं और आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध करवा रहे हैं:-

FAQ.1 क्या APAAR ID से निजता पर असर पड़ेगा?

Ans.नहीं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि छात्र की जानकारी केवल उसी के उपयोग के लिए होगी। बिना अनुमति के किसी थर्ड पार्टी को इसके बारे में डाटा सांझा करने की कोई अनुमति नहीं होगी।

FAQ.2 क्या APAAR ID में आधार कार्ड देना जरूरी है?

Ans.नहीं। यदि कोई अभिभावक या स्टूडेंट आधार लिंक नहीं करना चाहता, तो अन्य पहचान दस्तावेजों के जरिए भी अपार आईडी बनाई जा सकती है। आधार कार्ड को देना किसी भी हालत में अनिवार्य नहीं किया गया है।

FAQ.3 क्या पुराने विद्यार्थियों के लिए भी APAAR ID बनेगी?

Ans. जी हाँ। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि पुराने स्टूडेंट के लिए भी अपार आईडी बनाई जाए ताकि उनका पिछला शैक्षणिक रिकॉर्ड भी इसमें शामिल किया जा सके।

FAQ.4 APAAR ID और नई शिक्षा नीति 2020 का कोई संबंध है क्या ?

Ans.भारत की नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव लेकर आई है। अपार आईडी भी इसी नीति का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है: छात्र की शिक्षा यात्रा को डिजिटल बनाना।मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम को आसान बनाना।क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा।एक पोर्टेबल और यूनिक आईडी के जरिए शिक्षा को आसान बनाना।

APAAR ID का आने वाला भविष्य और चुनौतियां

अपार आईडी माध्यम से शिक्षा मंत्रालय की यह योजना है कि इसको न सिर्फ विद्यालयों और कॉलेज तक ही रखा जाए बल्कि भविष्य में इसे स्किल डेवलपमेंट ओपन स्कूल ऑनलाइन कोर्स या प्रोफेशनल सर्टिफिकेट से भी लिंक किया जाए जिससे विद्यार्थियों की लाइफ़लोंग्स लर्निंग प्रोफाइल तैयार हो सके।

हालांकि इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं, जिसकी हम चर्चा कर रहे हैं जो निम्न अनुसार हैं:

  • डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा की चिंता
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कारण की कमी को देखते हुए यह एक नई समस्या पैदा हो सकती है ।
  • सभी शिक्षण संस्थानों में इसे सामान्य रूप से लागू करने में व्यावहारिक समस्या।
  • आधार लिंकिंग से जुड़े संवैधानिक सवाल भी एक नई समस्या पैदा कर रहा है।

सरकार ने भी इस मुद्दों को बड़ी बारीकी से देखा है और इस पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए अस्वस्थ भी किया है कि इन सभी मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा और इनमें सुधार को लेकर एक विशेष कदम उठाए जाएंगे जिससे आने वाले समय में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो सके।

APAAR ID सारांश

अपार आईडी डिजिटलीकरण की इस दुनिया में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कदम हो सकता है और इससे विद्यार्थियों की पूरी शिक्षा यात्रा को एक डिजिटल रिकॉर्ड में बनाना और दस्तावेजों को सुरक्षित रखने एवं शिक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए एक संभव कदम है। लेकिन भविष्य में जब शिक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ती हुई इस चुनौती भरे माहौल में केवल शिक्षा मंत्रालय के अकेले के दम पर इसे सफल साबित करना आसान नहीं है, इसमें सरकार शैक्षणिक संस्थानों विद्यार्थियों अभिभावकों को साथ में मिलकर कार्य करना होगा तभी सभी विद्यार्थियों को इसका समान रूप से इसका अवसर मिल सकेगा।

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